जब हम “बेरी” शब्द सुनते हैं, तो हमारे दिमाग में छोटे, रसीले और मीठे फल जैसे स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी और ब्लैकबेरी आते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि केला भी बेरी की श्रेणी में आता है? यह सुनकर थोड़ा अजीब लगता है, परंतु यह सच है। आइए, इस लेख में जानते हैं कि क्यों केला एक “बेरी” है, जबकि ब्लैकबेरी, जो नाम से ही बेरी लगती है, असल में टेक्निकली बेरी नहीं है।
1. क्या है “बेरी” का वैज्ञानिक अर्थ?
बेरी का वैज्ञानिक अर्थ काफी अलग है जो आम लोग समझते हैं। वनस्पति विज्ञान के अनुसार, एक बेरी वह फल है जो एक ही अंडाशय से बनता है और इसके बीज फल के अंदर, गूदे के बीच स्थित होते हैं। इसमें फल की बाहरी परत (Exocarp), बीच की परत (Mesocarp) और अंदर की परत (Endocarp) सब एक होती हैं।
2. केला कैसे है एक बेरी?
वनस्पति विज्ञान के अनुसार, केला एक “सिंपल बेरी” (simple berry) है। इसके अंदर के बीज बहुत छोटे होते हैं और फल का अधिकांश हिस्सा गूदेदार होता है, जो इसे बेरी की श्रेणी में लाता है। केला एक फूल के अंडाशय से ही बनता है और इसका पूरा गूदा एक ही परत में पाया जाता है। इसीलिए केला वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बेरी माना जाता है।
3. ब्लैकबेरी क्यों नहीं है बेरी?
ब्लैकबेरी का नाम तो बेरी है, लेकिन यह असल में एक “एग्रीगेट फ्रूट” है। इसका मतलब यह है कि यह कई छोटे-छोटे ड्रूपलेट्स (छोटे-छोटे फल) से मिलकर बना होता है, जो एक ही फूल के कई अंडाशयों से उत्पन्न होते हैं। हर ड्रूपलेट में एक बीज होता है। इसी कारण से ब्लैकबेरी तकनीकी रूप से बेरी नहीं मानी जाती है।
4. और कौन-कौन से फल हैं जो बेरी माने जाते हैं?
केले के अलावा, कई ऐसे फल हैं जो बेरी माने जाते हैं जैसे कि टमाटर, कीवी, अंगूर और खीरा। इन सभी फलों का अंदरूनी भाग एक जैसा होता है और वे एक ही अंडाशय से उत्पन्न होते हैं। जबकि स्ट्रॉबेरी और ब्लैकबेरी जैसे फल, जो “बेरी” के नाम से जाने जाते हैं, वे तकनीकी रूप से बेरी नहीं हैं।